Saturday, December 10, 2011

Kushi Intzar hai us lamhe ka

हम भी जिन्दगी का हर पल खुश होकर जीना चाहते थे,पर जिन्दगी ने कभी मौका ही नहीं दिया खुश होकर जीने का ,अब तो बस गम में ही खुशिया धुन्दते  रहते है ,एक वक़्त था जब हमारे चहरे पे स्रिफ मुस्कान होती थी,और आज वो वक़्त है जहा मुस्कान की एक शिकन भी नहीं आती कभी चहरे पर.

फिर भी इंतजार रहेगा उस वक़्त का हमें जब हम अपनी उस पुरानी दुनिया को फिर से  जी पाएंगे और तब हमारे होटो पर स्रिफ मुस्कान ही होगी

जिन्दगी इतनी भी कफा  नहीं हो सकती हमसे की हम हसना ही भूल जाये और इस दुनिया से ऐसे ही चले जाये
 

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