खुशिया और गम सहती है ,फिर भी ये चुप रहती है अब तक किसी न जाना जिन्दगी कया कहती है
जाते जाते तुमने एक आह तो भरी होगी,हर वक़्त यही रहेगा गम उस वक़्त कहा थे हम कहा तुम चले गए
किसी की मुस्कुराहतो पे हो सके तो हो निसार ,किसी का गम ले सके तो ले उधर जीना इसीका नाम है
जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहा,जी चाहे जब आवाज दो हमको हम है यही हम ते जहा
कल खेल में हम हो न हो,गर्दिश में तारे रहेंगे सदा ,अपने यही दोन जहा इसके सिवा जाना कहा
तुझसे नाराज नहीं जिन्दगी हैरान हूँ ,तेरे मासूम सवालों से परेसान हूँ मई, जिनगी तेरे गम ने हमें रिश्ते नए समझाए ,मुस्कराय ओ मुस्कुराने के कर्ज उतरने होंगे